कोरोनावायरस की दूसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए के साथ-साथ लोगों की इम्यूनिटी बेहतर करने के लिए सभी देशों में वैक्सीनेशन जोरों पर है. भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड का टीकाकरण पहले से जारी है. इन दिनों भारत में कोविड-19 हालत बहुत बुरे हो चुके हैं और मौजूदा हालात को देखते हुए दूसरे देशों से भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मदद ली जा रही है. कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद अब स्पूतनिक वी को भी भारत में मंजूरी मिल गई है.
भारत में वैक्सीनेशन का तीसरा चरण चल रहा है इस बीच रशिया में बनी स्पूतनिक वी भारत में मिलने वाली तीसरी वैक्सीन होगी है. जो इन दिनों काफी चर्चा में है. आपको बता दें कि अगले हफ्ते से स्पुतनिक वी का टीका लोगों को लग सकता है. जुलाई से भारत में ही इसका उत्पादन शुरू होने की संभावना है. देश की ड्रग नियामक संस्था के अनुसार रूस में विकसित कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक’ सुरक्षित है. यह वैक्सीन ऑक्सफ़ोर्ड- एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की तरह ही काम करती है. मेडिकल रिसर्च के मुताबिक स्पुतनिक वी कोविड-19 में करीब 92 फीसद मामलों में सुरक्षा देता है.
केंद्र सरकार के अनुसार जुलाई अंत तक देश की ‘प्राथमिकता सूची’ के 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण करना है. हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक यह गति अपेक्षा से धीमी है.
कितने असरदार है कोविड-19 के यह तीनों टीके? (Efficacy)
मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार-
- फेज 3 ट्रायल के अंतरिम नतीजों में sputnik v वैक्सीन की एफिशिएंसी 91.6% पाई गई है.
- covaxin ने फेज 3 के ट्रायल में 81%की एफिशिएंसी हासिल की थी.
- covisheild की एफिशिएंसी 62% तक दर्ज हुई थी जो की ड़ेढ़ डोज देने पर एफिशिएंसी 90% तक पहुँच गयी थी.
कोविशील्ड और कोवैक्सीन के साइड इफेक्ट (Side Effects of Covishield and Covaxin)
- कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों ही रीएक्टोजैनिक साइड इफेक्ट के साथ आती है.
- इसमें टीका लगाने की जगह पर दर्द, बुखार ठंड लगना, कंपकंपी, चक्कर आना, सिर दर्द या पेट दर्द आदि जैसी सामान्य समस्या देखने को मिल सकती है.
- कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां लोगों को न्यूरोलॉजिकल से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
स्पूतनिक वी के साइड इफेक्ट्स (Side Effects of Sputnik V)
एक स्टडी के अनुसार, स्पूतनिक वी के साइड इफेक्ट्स कुछ इस तरह से हैं. सिरदर्द (Headache), बिना वजह थका हरा हारा महसूस होना या थकावट (Fatigue), शरीर के जिस भाग में वैक्सीन इंजेक्ट की गई है वहां दर्द होना और बुखार जैसे सामान्य लक्षण हैं.
इस वैक्सीन को लेकर अभी तक कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, 19,866 वॉलंटियर्स को Sputnik-V के दोनों डोज दिए गए थे, उनमें से सिर्फ 70 लोगों में ही गंभीर साइड इफेक्ट दिखे थे और इनमें से भी 23 ऐसे थे जो प्लेसिबो ग्रुप से थे, यानी ये लोग ट्रायल में थे, लेकिन इन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी.
स्पूतनिक की कीमत एवं उपलब्धता (Price and Availability of Sputnik V in India)
Sputnik V की भारत में कीमत अभी तक स्पष्ट नहीं है. विदेश में यह टीका 10 डॉलर प्रति डोज से कम है. RDIF का इसे रूस से आयात करने का प्लान है. ऐसे में इसकी कीमत ज्यादा हो सकती है.
एक बार इस वैक्सीन का प्रॉडक्शन भारत में शुरू हो जाए तो कीमतें काफी कम हो जाएंगी. डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज से 10 करोड़ डोज बनाने की डील हुई है. इसके अलावा RDIF ने हेटरो बायोफार्मा, ग्लैंड फार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा, विक्ट्री बायोटेक से 85 करोड़ डोज बनाने का भी करार कर रखा है.
By- Srishti
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