विश्व के इतने देशों में है हिजाब पर पाबंदी, पहनने पर लगता है जुर्माना

विश्व के इतने देशों में है हिजाब पर पाबंदी, पहनने पर लगता है जुर्माना

कर्नाटक के उडुपी जिले से शुरू हुआ हिजाब विवाद देश के अलग-अलग हिस्सों तक फैल गया है. साथ ही इसको लेकर दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में भी प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं. हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने अभी तक इस पर कोई अंतरिम फैसला नहीं सुनाया है और इसकी सुनाई आज भी कोर्ट में चल रही है. साथ ही आज इस पर कुछ ठोस फैसला भी आ सकता है. देश में हिजाब को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर फिल्मी जगत के लोगों ने इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी. हाल ही में दंगल गर्ल के नाम से मशहूर जायरा वसीम ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हिजाब के समर्थन में एक लंबा पोस्ट लिखा. जिसमें उन्होंने हिजाब को वो पसंद से ज्यादा जिम्मेदारी बताती है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने अभी तक इस मामले में फैसला नहीं दिया है, लेकिन उसने स्कूलों और कॉलेजों को खुलने का आदेश दिया है. साथ ही हाई कोर्ट ने अभी के लिए हिजाब, भगवा शॉल आदि को पहनकर आने पर रोक लगा दी है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के अलावा विश्व के इन बड़े देशों में भी हिजाब को पहनने पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गयी है. जिसका उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाता है.

फ्रांस में है हिजाब पर बैन
साल 2011 में ही फ्रांस में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी के शासनकाल के समय ही फ्रांस पर सार्वजनिक स्थानों पर पूरे चेहरे को ढकने वाले इस्लामी नक़ाबों पर प्रतिबंध लगाया गया था और इसी के साथ ऐसा कानून लाने वाला फ्रांस पहला यूरोपीय देश बन गया था. इस कानून के तहत फ्रांस में रहने वाली कोई भी महिला घर के बाहर नकाब या हिजाब लगाकर नहीं चल सकती. ऐसा करने पर उसको 150 यूरो का जुर्माना देना होगा. साथ ही अगर कोई उसे जबरन हिजाब पहनने पर बाध्य करता है, तो उस पर 30 हजार यूरो का जुर्माना लगता है. फ्रांस में 50 लाख मुस्लिम महिलाएं रहती है लेकिन 2 हजार महिलाएं ही बुर्क़ा पहनती है.

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बेल्जियम
साल 2011 में बेल्जियम में भी किसी भी ऐसे पोशाक पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिससे पूरा चेहरा ढ़ाका रहता है. इस कानून के अनुसार कोई भी पब्लिक प्लेस पर ऐसा कपड़ा नहीं पहन सकता जिससे आपकी पहचान छुपाई जा सके.

नीदरलैंड्स
साल 2018 में नीदरलैंड्स में चेहरा ढकने पर बैन लगा दिया गया. जिसका समर्थन साल 2016 से ही नीदरलैंड्स में किया जा रहा था. जिसके अनुसार स्कूलों, अस्पतालों, सार्वजनिक स्थानों सफर में इस्लामी नकाबों को पहनकर जाना बैन कर दिया गया.

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ब्रिटेन
ब्रिटेन में आमतौर पर इस्लामिक पोशाकों पर कोई रोक नहीं है, लेकिन यहां के स्कूलों में ड्रेस कोड है और इसे पालन करना जरुरी है. साल 2016 में एक सर्वे में ये पाया गया की ब्रिटेन के 57 प्रतिशत लोग ये चाहते हैं कि वहां बुर्के पर रोक लगे.

अफ्रीका
अफ्रीका के कई सारे इलाकों जैसे चाड, कैमरून के उत्तरी क्षेत्र, नीजेर के कुछ क्षेत्रों और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कॉन्गो में बुर्के पर प्रतिबंध है. यहां पर बुर्का पहनना पूरी तरह से गैरकानूनी है, क्योंकि साल 2015 में बुर्का पहनी हुई कई सारी महिलाओं ने आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया था. जिसके बाद से अफ्रीका में ये ठोस कदम उठाया गया.

इसके अलावा स्विट्जरलैंड, बुल्गारिया, रूस, डेनमार्क, तुर्की जैसे कई सारे देशों में हिजाब और अन्य चेहरा ढ़कने वाले पोशाकों को बन किया गया है. अगर कोई इसे सार्वजनिक स्थानों पर पहनता है तो उसे जुर्माना देना होता है.

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