The Untold Story Of Bollywood Diva/ Queen Rekha And Mukesh Agrawal (द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ बॉलीवुड क्वीन रेखा और मुकेश अग्रवाल )

प्यार एक जादुई एहसास की तरह होता है जिसकी वजह से ही आप उस एक शख्स के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. जैसा कि कहा जाता है कि प्यार और जंग में सब कुछ ज़ायज है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों के लिए प्यार ही जंग की तरह होता है.
जब भी प्रेम या दिल का मामला होता है तो ऐसे में कुछ लोगों के जीवन में भाग्य एक जीवंत भूमिका निभाता है.
उनको प्यार तो मिलता है लेकिन वो उसे हमेशा के लिए संभाल नहीं पाते और उनका प्रेम प्रसंग बहुत से लोगों के लिए एक रहस्य बनकर रह जाता है.
बॉलीवुड की गोल्डन गर्ल,70 व 80 के दशक की मशहूर अदाकारा रेखा का लव लाइफ कई लोगों के लिए एक रहस्य ही है.
अमिताभ बच्चन के साथ अपने कथित रिलेशनशिप से लेकर मुकेश अग्रवाल के साथ उनकी रहस्यमयी शादी को लेकर रेखा का जीवन बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक बहुत बड़ी गॉसिप की तरह है.
मशहूर लेखक और अवॉर्ड विनिंग जर्नलिस्ट यासिर उस्मान ने अपनी किताब “ रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी” में उनकी जीवन के सारे उतार चढ़ाव को बखूबी से लिखा है.

रेखा का जन्म और शुरुआती दौर
भानुरेखा के नाम से जन्मी रेखा ने अपना करियर 1958 में शुरू किया था, कुछ सफल फिल्मों में काम करने के बाद 70 के दशक के अंत तक रेखा को एक जानी मानी अदाकारा के रूप में पहचान मिल गई. प्रसिद्ध एक्टर जैमनी गणेशन और अभिनेत्री पुषपावली की बेटी होने के बावजूद भी रेखा को अपने पिता का नाम कभी नहीं मिला क्योंकि उनके पिता ने उन्हें अपनी बेटी का दर्जा कभी नहीं दिया.
पैसों की कमी के कारण रेखा ने पढ़ाई छोड़ दी और महज़ 13 साल की उम्र में एक्टिंग में अपना करियर शुरू कर दिया. इनके पर्सनल जीवन को प्रोफेशनल जीवन से कहीं ज़्यादा आकर्षण मिला. अमिताभ बच्चन के साथ रेखा की लिंक अप की ख़बरें आज भी बॉलीवुड कंट्रोवर्सीज में से एक है. दिल टूटने के बाद भी रेखा के मन में एक उम्मीद अभी भी थी कि कोई ऐसा शख़्स होगा जो इन्हें प्यार करेगा और उन्हें अपना नाम भी देगा. इसी बीच उनकी मुलाकात मुकेश से हुई.

रेखा और मुकेश अग्रवाल की मुलाकात और शादी
मुकेश अग्रवाल जाना माना बिजनेस टायकून था.मुकेश अग्रवाल का जन्म एक मिडिल क्लास बनिया फैमिली में हुआ था. उन्होंने भी 13 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और इधर उधर छोटे मोटे जॉब्स किया लेकिन 1970 के आखिरी साल में इन्होंने अपना बिजनेस शुरू किया जिसमें ‘हॉटलाइन’ ब्रांड के नाम से ‘किचन साम्रगी’ बनता था. मुकेश का बिजनेस बहुत ही जल्दी चमक गया और उसके ब्रांड हॉटलाइन की सफलता अब चर्चे में थी. पैसे कमाने के अलाव मुकेश दिल्ली के ‘इलीट समूह’ का भी हिस्सा बनना चाहते थे और वह इस ग्लैमरस की दुनिया के बड़े नामों में प्रमुखता पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार थे. वो बड़े पार्टीज में जाते और नगर में मौजूद तमाम बड़े सेलिब्रिटीज को बुलाते थें.
मुकेश के करीबी दोस्त, रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर और दिल्ली के पूर्व कमिश्नर के मुताबिक मुकेश एक अच्छे आदमी थें लेकिन उनमें एक कमी थी. वो फेमस होना चाहते थे, वो चाहते थे कि दुनिया उन्हें उभरते हुए बड़े आदमी के तौर पर जाने. वो लो प्रोफाइल रखना पसंद नहीं करते थे और सेलेब्रिटीज का आकर्षण पाने के लिए कुछ भी कर सकते थे.
मुकेश के आलीशान जीवन के बारे में बताते हुए नीरज ने कहा, “उन्होंने एक घोड़ा भी खरीदा था और महरौली में एक फॉर्म हाउस भी था, जब भी उनसे कोई मिलने आता था तो वो वही फॉर्म हाउस में ही घोड़े की देखरेख करते हुए ही मिलते थे.”

रेखा और मुकेश का किस्मत कनेक्शन
रेखा अपनी बहुत अच्छी दोस्त और फेमस फैशन डिजाइनर बीना रमानी से मिलने के लिए अक्सर दिल्ली आया करती थी. इसी प्रकार एक मुलाक़ात के दौरान रेखा ने बीना को बताया कि अब उनकी इच्छा है शादी करके घर बसाने का वो एक ऐसे व्यक्ति के तलाश में हैं जो उन्हें प्यार करे, उससे शादी करे और अपना नाम भी दे. बीना ने ही रेखा और मुकेश को मिलाया था.
बीना ने रेखा को बुलाया और उन्हें उनके क्रेजी फैन के बारे में बताया जो एक जाने माने बिजनेसमैन थे. जब बीना ने रेखा को अपना नम्बर मुकेश को देने के लिए कहा तब रेखा ने मना कर दिया और बदले में मुकेश का नंबर ले लिया.
शुरुआत में तो रेखा ने मुकेश को कोई कॉल नहीं किया लेकिन बाद में बीना के बहुत कहने पर पहला कदम बढ़ाकर मुकेश को कॉल किया.
हालांकि उनकी पहली मुलाकात बहुत औपचारिक थीं, लेकिन कहा जाता है कि रेखा की कर्कश आवाज़ सुनकर मुकेश पूरी तरह मुस्कुरा रहे थे और उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि जिस सुपरस्टार ने लाखों लोगों के दिलों पर राज किया था और लाखों लोग जिसकी पूजा करते थे उन्होंने उसे फोन किया था.
इसके बाद इन दोनों के बीच फोन पर बातचीत का एक लम्बा सिलसिला शुरू हुआ.
पहले फोन कॉल के एक महीने के अंदर ही दोनों बॉम्बे में पहली बार मिले.
झूठ और दिखावे की ग्लैमर की दुनिया से अलग मुकेश की ईमानदारी और सादगी ने रेखा को प्रभावित किया और वहीं दूसरी तरफ मुकेश रेखा के प्यार में डूब गए. रेखा का दिल लुभाने के लिए उन्होंने तारीफों के पुल बांध दिए और उनके साथ हर संभव फ्लर्ट किया.
मुंबई में हुए पहले मुलाकात के बाद मुकेश ने रेखा को दिल्ली आने के लिए मना लिया और जब वो आई तो वो उनके छत्तरपुर स्थित फार्म हाउस में आकर्षण का केंद्र बन गई.
दिल्ली में मिले सम्मान और आकर्षण से रेखा बहुत ज्यादा खुश हुई और उन दोनों के बीच एक बेहतरीन बॉन्ड भी बन गया.
रेखा ने एक बार बताया था, “वो उनसे सिर्फ दो बार मिली है और वो उनकी फैमिली को पसंद करती हैं जब उन से दिल्ली में मिली थी.”
मुकेश बॉलीवुड अभिनेत्री दीप्ति नवल को अपनी बहन मानते थे और वो अच्छे दोस्त भी थे, वो उनके सामने हमेशा रेखा की ही बात और तारीफ करते थकते नहीं थे.
दीप्ति के मुताबिक, “दोनों ने कभी अपने पास्ट को इस रिलेशनशिप में नहीं आने दिया, दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं.”
दीप्ति ने आगे कहा, “मुकेश जब से पहली बार रेखा से बात किया है और जब दोनों पहले बार मिले हैं तब से वो सिर्फ रेखा की ही बातें करता था.”

जल्दी जल्दी में दोनों ने की शादी
दोनों को मिले अभी एक ही महीने बीते थे कि रविवार 4 मार्च 1990 को मुकेश जल्दबाजी में सुबह सुबह रेखा के घर पहुंच गए और रेखा को शादी के लिए प्रपोज कर दिया, शादी का प्रपोजल सुनकर रेखा ने भी हां कर दी और दोनों ने मुक्तेश्वर दयाल मंदिर में शादी कर ली. इस शादी में इनके रिलेटिविटी भी शामिल नहीं हो पाये थें.
15 अप्रैल 1990 को दोनों एक बार फिर पूरे रीति रिवाज के साथ रेखा की मां पुष्पावली के सामने शादी की जिसमें जैमनी गणेशन शामिल नहीं हुए थे.
शादी के बाद मुकेश ने रेखा से कहा चलो तुम्हारे किसी दोस्त से मिलकर आते हैं और रेखा अपने पति के साथ हेमा जी के घर गई. हेमा मालिनी रेखा की शादी की ख़बर सुनकर हैरान हो गई.
दीप्ति नवल को रेखा ने ही फोन करके बताया था कि अब वो उनकी भाभी हो गई है.

शादी के बाद तलाक और मुकेश का आत्महत्या कर लेना

शादी के बाद पता चला कि वो दोनों एक दूसरे से अलग है दोनों के ख्यालात काफी अलग हैं. रेखा को जहां पार्टी और ग्लैमर की दुनिया पसंद नहीं थी तो वहीं दूसरी तरफ मुकेश हर हफ्ते पार्टी करता थें और धीरे धीरे रेखा को लगने लगा कि वो बीवी कम और ट्राफी ज्यादा है जिसे देखने हर कोई आता है.

साल 1990 में वर्ल्ड वाइड फाइनेंशियल क्राइसिस आने के बाद से मुकेश का बिजनेस में बहुत लॉस हो गया और वो डिप्रेशन के फेज़ से गुजरने लगे. इसी बीच इन दोनों के बीच के रिश्ते सही नहीं थे और मुकेश चाहते थे रेखा उनके साथ आकार रहे.
10 सितंबर 1990 को दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया और 2 अक्टूबर को मुकेश ने दुपट्टा सीलिंग फैन में डाल कर आत्महत्या कर ली.
लोगों ने इसके लिए रेखा को ज़िम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया.
रेखा बचपन से ही एक सर नाम के लिए तरसी है वो महज़ सेटल होना चाहती थीं, एक फैमिली और बच्चे चाहती थीं लेकिन शायद भाग्य को कुछ और मंजूर था.
रेखा ने एक बार इस बात का ज्रिक नीरज कुमार से किया था, “ कि मैं अपना स्टारडम छोड़ने को तैयार थीं लेकिन शायद मेरी किस्मत में कुछ और ही था.”

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