इस वक्त भारत कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है ऐसे में दूसरी खतरनाक बीमारियों ने भी दस्तक दे दी है। देश के कई राज्यों में ब्लैक और वाइट फंगस के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। भारत में इस संक्रमण के 8 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह दोनों इन्फेक्शन पर्यावरण में मौजूद फफूंद और गंदगी के कारण फैलते है।
हालही में इन दोनों संक्रमण के अलावा एक तीसरा संक्रमण भी देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से येलो फंगस का एक मामला सामने आया है। यह पीला कवक सफेद और काले कवक से भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। विशेषज्ञों ने इस पीले कवक को म्यूकोर सेप्टिकस नाम दिया है|
गाजियाबाद के 34 साल के मरीज के अंदर यह कवक मिला है जो कि हाल ही में कोरोना संक्रमण से ठीक हुआ था। जानकारी के मुताबिक ग्रसित मरीज डायबिटीज का पेशेंट भी है। मरीज गाजियाबाद के एक प्राइवेट क्लीनिक में जांच के लिए पहुंचा था। जांच के दौरान डॉक्टर को पता चला कि उस मरीज को येलो फंगस की शिकायत है|
काले और सफेद फंगस से ज्यादा खतरनाक है येलो फंगस
विशेषज्ञों के मुताबिक पीला फंगस शरीर के आंतरिक अंगों को प्रभावित करने के कारण अत्यंत खतरनाक है। काले और सफेद कवक से बिल्कुल विपरीत है पीला कवक आंतरिक रूप से शुरू होता है। यह पर्स के रिसाव का कारण बनता है, घावों को धीरे-धीरे भरता है। गंभीर मामलों में अंग विफलता और तीव्र नेक्रॉसिस जैसे विनाशकारी लक्षण भी पैदा कर सकता है।
संक्रमण कैसे फैलता है?
यह फंगल संक्रमण अस्वच्छता के कारण फैलता है जैसे- अस्वच्छता, दूषित संसाधन ,जरूरत से ज्यादा स्टेरॉयड लेना खराब ऑक्सीजन का उपयोग। जो मरीज पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है उनमें इस तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
येलो फंगस के लक्षण
इस संक्रमण के लक्षण परेशान कर देने वाले हैं। येलो फंगस शुरुआत में शरीर के अंदर फैलना शुरू होता है जो कि कई तरह के लक्षण पैदा कर सकता है। ब्लैक और येलो फंगस के संक्रमण की वजह से चेहरा खराब हो सकता है और सूजन भी आ सकती है।
संक्रमण के लक्षण
- थकावट
यह इंफेक्शन जब शरीर के अंदर पहनना शुरू होता है तब आप के अंगों पर दबाव पड़ता है और आप थकावट महसूस करते हैं। इसकी वजह से आपको तीव्र सुस्ती और थकावट महसूस होती है।
- भूख ना लगना
इस संक्रमण से आप का पाचनक्रिया भी बिगड़ सकता है अगर अचानक मरीज में भूख ना लगने जैसे लक्षण उत्पन्न होने लगे तो चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।
- वजन घटना
मेटाबॉलिक परिवर्तन भी इस संक्रमण का एक लक्षण है। एक्सपर्ट का मानना है कि अचानक वजन कम होने पर भी व्यक्ति को जांच करवानी चाहिए।
- धंसी हुई आंखें
एक्सपर्ट के मुताबिक येलो फंगस के गंभीर मामलों में आंखों का लाल होना, धंसा हुआ दिखना, घावों का धीरे-धीरे ठीक होना, गले में जलन जैसे लक्षण देखे गए हैं।
- संक्रमण का संभव इलाज
येलो ब्लैक और सफेद कवक कोई नया या असामान्य फंगस नहीं है। यह हमारे आस पास पहले से मौजूद है। इस वक्त एंटीफंगल दवा Amphotericin B इंजेक्शन संक्रमण से लड़ने का एकमात्र इलाज है।
– Srishti
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