What is Sticky Bombs: अमरनाथ यात्रा के लिए एक महीने से भी कम समय बचा है, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल अब तीर्थयात्रियों के लिए अपनी मानक संचालन प्रक्रिया को इस चिंता में बदल रहे हैं कि आतंकवादी समूहों के पास “चिपचिपे बम” हैं. टारगेटेड हत्याओं और उसके बाद के विरोधों के कारण उत्तरी केंद्र शासित प्रदेश यानी जम्मू-कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है, गृह मंत्री अमित शाह सहित शीर्ष अधिकारियों ने भी हाल ही में यात्रा के लिए सुरक्षा उपायों पर चर्चा की.
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आतंकवादियों और उनसे सहानुभूति रखने वालों से पूछताछ के साथ-साथ अन्य सबूतों से पता चलता है कि इनके पास कई ‘चिपचिपे बम’ है, जिन्हें वाहनों से जोड़ा जा सकता है और काफी दूर से विस्फोट किया जा सकता है. इस कदम से कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों ने अपना रास्ता नया खोज लिया है. जब पाकिस्तान से उड़ान भरने वाले एक ड्रोन में तकनीकी खराबी आई थी और कठुआ में लोगों द्वारा देखा गया था, तो उसी समय पुलिस ने में सात चुंबकीय या ‘चिपचिपे’ बम भी बरामद किए थे.

अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू होने वाली है और 11 अगस्त को समाप्त होगी. चल रही COVID-19 महामारी के कारण यह दो साल के अंतराल के बाद होने जा रही और लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के इस तीर्थयात्रा में भाग लेने की संभावना है.
सुरक्षा अधिकारियों ने बनाए है कई प्लान
What is Sticky Bombs: रिपोर्टों के अनुसार, सभी संभावित घटनाओं के लिए आकस्मिक योजनाएँ तैयार की जा रही हैं. हालांकि वे मानते हैं कि इस यात्रा के लिए कई खतरे हैं, अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से तैयार हैं. फिर से तैयार की गई रणनीति में कई एहतियाती उपाय शामिल हैं जैसे कि यह सुनिश्चित करना कि तीर्थयात्रियों के वाहनों के साथ-साथ सुरक्षा बलों को उनके आंदोलन के दौरान एकांत में रखा जाए. सुरक्षा कर्मियों के साथ-साथ तीर्थयात्रा का प्रबंधन करने वालों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वे वाहनों को लावारिस न छोड़ें.
कैसे काम करता है ‘स्टिकी बम’
‘स्टिकी बम’ किसी भी वाहन पर लगाया जा सकता है और रिमोट कंट्रोल या इन-बिल्ट टाइमर के माध्यम से विस्फोट किया जा सकता है. वे पिछले साल की शुरुआत में कश्मीर में भारतीय आतंकी परिदृश्य पर उभरे थे, जिन्हें जम्मू क्षेत्र के सांबा से बरामद किया गया था. यह ‘चिपचिपा बम’ की पहली ऐसी बरामदगी थी – जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान और इराक में और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा किया गया था. भारत में, इसका इस्तेमाल संदिग्ध ईरानी आतंकवादियों द्वारा किया गया था जिन्होंने फरवरी 2012 में एक इजरायली राजनयिक के वाहन को निशाना बनाया था, जिसके परिणामस्वरूप उनकी पत्नी को चोट लगी थी.

क्या होता है स्टिकी बम (What is Sticky Bombs)
स्टिकी बम को इसके नाम से ही समझा जा सकता है, इसको किसी भी वाहन में चिपकाया जाता है. ये बम आकार में वह बेहद छोटे होते है और बड़े से बड़ा धमाका करने के लिए आसानी से आतंकी इन बम को वाहन और संवेदनशील जगह पर लगा देते हैं. इन स्टिकी बम को आईईडी की तरह इस्तेमाल किया जाता है और इसको फटने में सिर्फ 5 से 10 मिनट ही लगते हैं लेकिन नुकसान बहुत बड़ा होता है और इसके विस्फोट के लिए रिमोट का इस्तेमाल किया जाता है.