(इतिहास के पन्नों में छिपे इन 5 ऐसे जानवरों की कहानी जिन पर चलाया गया मुकदमा)
क्या कभी आपने ऐसा सुना है कि जानवरों को किसी कोर्ट ने फांसी या उम्र कैद की सजा सुनाई हो? जाहिर सी बात है ये प्रश्न बहुत ही अजीबोगरीब और हैरान कर देने वाले हैं। लेकिन इसके पीछे की सच्चाई आपको और भी हैरान कर देगी।
लोगों को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट बनाई गई है जहाँ पर सबके सामने निर्दोष को इंसाफ और दोषी को सजा सुनाई जाती है और यह हर देश का नियम है कि इंसाफ के लिए कोर्ट जाया जाता है। क्या कभी आपने यह सोचा है कि अगर जानवरों को भी कोर्ट में बुलाया जाये तो कैसे होगी करवाई ? नहीं ना!
लेकिन अगर इतिहास के पनों को देखा जाये तो पता चलता है कि कोर्ट में इंसानो को नहीं बल्कि जानवरों तक को भी घसीटा गया है। तो आइए पढ़ते है उन 5 जानवरो के बारे में जिन्हें कोर्ट में बुलाकर सजा दी गई है।
- सूअर

इल्ज़ाम : एक बच्चे की हत्या का
सजा : फांसी
सन् 1494 में एक सूअर पर मुकदम चलाया गया वो भी इस लिए क्योंकि लोगों का कहना है कि सूअर चुप चाप घर में घुस कर सोते हुए बच्चों का गला घोट कर चला गया। सूअर ने कैसे बच्चे को मारा ये तो किसी को नहीं पता लेकिन लोगों के कहने पर सूअर पर मुकदमा चला और सूअर को फांसी दे दी गयी।
- मुर्गा

इल्ज़ाम : अंडे देने का
सजा : जिंदा जलाया गया
सन् 1474 में स्विट्ज़रलैंड के एक मुर्गे को कोर्ट के दरवाज़े तक लाया गया। लोगों का मानना था कि मुर्गे ने अंडे दिये है हालांकि यह चीज नामुनकिम है परन्तु लोगों का मानना था कि इसी मुर्गे ने अंडे दिये है। जिस वजह से इस मुर्गे पर मुकदम चला। सच्चाई क्या थी ये तो आज तक किसी को नहीं पता चली पर मुर्गे को कोर्ट ने जिंदा जलाने की सजा दी।
- हाथी

इल्ज़ाम : हैंडलर को मारने का
सजा : फांसी
साल 1916 में अमेरिका के टेनेसी में एक सर्कस हुआ करता था जिसमें एक हथिनी जिसका नाम था मैरी उस पर इल्ज़ाम था कि उसने अपने हैंडलर को मारा है जिसका नाम रेड एल्ड्रिज था। उसका नौकरी पर पहला दिन था इससे पहले वो हाथियों की परेड को संभालता था। मैरी पर चढ़ने का कोई उसे अनुभव नहीं था। एल्ड्रिज मैरी के ऊपर चढ़ा और मैरी को भाले से चुभाया उसके बाद मैरी गुस्से में एल्ड्रिज को नीचे पटका और कुचल दिया। इसी वजह से मैरी को फांसी की सज़ा सुनाई लेकिन सजा के बाद पता चला कि एल्ड्रिज ने भाला वहां चुभाया जहाँ मैरी का दांत गंभीर रूप से संक्रमित था।
- कीड़े

इल्ज़ाम : फसल बर्बाद करने का
सजा : नहीं मालूम
साल 1587 फ्रांस में एक कीड़े को अंगूर की फसल को बर्बाद करने के लिए मुकदमा चलाया गया। दरअसल चर्च में लगी अंगूरों की पवित्र फसल थी। यह केस पूरे 8 महीने तक का चला पर इसका नतीजा क्या निकला ये तो नहीं पता चला लेकिन आसपास के लोग इंतजार नहीं कर पाये और फसलों को बचा कर रखने के लिए सुरक्षा कर दी।
- चूहें

इल्जाम : जौ की फसल को बर्बाद करने के लिए
सजा : बरी
यह मामला 1510 फ्रांस के शहर का है जब जौ कि फसल को बर्बाद करने के लिए चूहें पर मुकदम चलाया गया। चूहें का केस लड़ने वाले वकील बार्थोलोमेव चेसनी ने लड़ा। लेकिन चूहा कोर्ट में नहीं आया तो वकील ने कहा कि चूहा शायद इसलिए नहीं आया क्योंकि बाहर उसको बिल्ली और कुत्तों का डर होगा। जान खतरे में हो तो इंसान आता नहीं है तो चूहें से क्या उमीद की जा सकती है। ऐसे ही चूहें को बरी कर दिया गया।
– Palak Mujral