Raj Kapoor: आखिर क्यों कहा था नरगिस ने राज कपूर को नीले आंखों वाला मोटा टेड्डी? जानिए वो दिलचस्प किस्सा

RAJ KAPOOR Biography: बॉलीवुड की फिल्मों को एक अलग ही मुकाम देने वाले द ग्रेटेस्ट शोमैन राज कपूर (14 December 1924 – 02 June 1988) एक महान कलाकार के रुप में हमेशा याद किये जाते है । राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। महज 10 साल की उम्र में उन्होंने अभिनय करना शुरु कर दिया था। 1935 में रिलीज हुई फिल्म ‘इंकलाब’ में उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अभिनय किया था और अपनी बेहतरीन अदायगी से बाद उन्हें शोमैन के नाम से पहचान मिली। शायद ही आपको मालूम हो कि राज कपूर ने 50 से 70 के दशक तक अपनी फिल्मों में कभी अभिनय करके, तो कभी निर्देशन के जरिए फैंस को रोमांचित किया। चलिए जानते हैं राज कपूर को किन वजहों से बॉलीवुड का शोमैन कहा जाता है।

राज कपूर की हर फिल्म में मंनोरंजन, हंसी-मजाक से लेकर बड़ी समस्याओं का जिक्र भी होता था। फिल्मों में उनकी दी सीख को ही नहीं उनके स्टाइल स्टेटमेंट को भी लोग फाॅलो करते थे। एंकल लेंथ पैंट उन्हीं की देन है जिसे लोग आज भी पहनना पसंद करते हैं। वहीं राज ने अपनी कई फिल्मों में उस वक्त की गरीबी की चरम सीमा को दर्शाया है। राज की फिल्म ‘श्री420’, ‘आवारा’ और ‘बूट पाॅलिस’ ने लोगों को समाज मेंं बढ़ रही गरीबी और उससे संबंधित परेशानियों को दिखाया है। उनकी फिल्मों में इस तरह के कई मुद्दों को छूने का दम था जो उस दौर के बाकी निर्देशक सोच भी नहीं सकते थे।

Raj Kapoor was finest director of Indian Cinema

राज कपूर ने उस वक्त न सिर्फ अपनी फिल्मों में सामाजिक मुद्दों बल्कि यूथ के मन की बात भी दर्शाई। उन्होंने फिल्म ‘बाॅबी’ में ऐसे लवर कपल के बारे में दुनिया को दिखाया जो नाबालिग हैं पर एक-दूसरे से प्यार करते हैं और साथ में जिंदगी भी बिताना चाहते हैं। वहीं समाज उन्हें ये करने नहीं देना चाहता पर अपने प्यार को हासिल करने के लिए वो कुछ भी कर गुजरने को तैयार होते हैं। आपको बता दे कि इस फिल्म में ऋषि कपूर और डिंपल कपाडि़या ने अभिनय किया था।

(All Images are taken from bbc and google)

उन्होंने अपनी फिल्मों में बोल्डनेस को भी बढ़ावा दिया है। उन्होंने अपनी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में एक्ट्रेस मंदाकिनी का बोल्ड सीन फिल्माया। वहीं ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ में भी उन्होंने जीनत अमान को कई बोल्ड सीन करने के लिए प्रेरित किया और नतीजतन फिल्म को अपनी इस यूनीकनेस की वजह से लोगों ने खूब पसंद भी किया। राजकपूर साहब खुदको नग्नता का उपासक मानते थे।

राज कपूर देश मेंं ही नहीं विदेशों में भी अपनी अदायगी से लोगों को अपना दीवाना बना लेते थे। वहीं कनाडा में राज कपूर को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए सम्मान दिया गया। मिड डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा सरकार ने बाॅलीवुड के शोमैन को सम्मान देने के लिए ब्रम्पटन नाम के शहर की एक सड़क नाम ही राज कपूर रख दिया। स्थानिय निवासी इस सड़क को ‘राज कपूर’ रोड कह कर पुकारते हैं।

राजकपूर और मुकेश (Relation between Raj Kapoor and Mukesh Kumar)
राजकपूर पर फिल्म में गए लगभग सभी गाने मुकेश की आवाज में होते थे। मुकेश ने राजकपूर के लिए श्री 420, चोरी-चोरी, मेरा नाम जोकर, दिल ही तो है जैसी फिल्मों में गाने गाए। जब मुकेश की मृत्यु हुई तो खुद राजकपूर ने कहा कि “मैने अपनी आवाज खो दी है।”

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राज कपूर की फिल्में भारत के साथ-साथ विश्व के कोने-कोने में अपने जलवे बिखेर चुकी हैं। रुस के लोग हमेशा से भारतीय फिल्मों के प्रशंसक रहे हैं और राज कपूर अब भी यहां के सबसे पसंदीदा कलाकारों में शामिल हैं। 2012 में प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने वर्ष 1923 के बाद बनी 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की सूची में 20 नई फिल्मों को शामिल किया। इस सूची में वर्ष 1951 में प्रदर्शित राज कपूर अभिनीत फिल्म आवारा को भी शामिल किया गया था।

राज कपूर अपने समय के जाने माने कलाकारों में से एक थे। इनको लोग बॉलीवुड में ही नहीं विदेशों में भी सम्मान देते थे। एक बार चीन ने राज कपूर को अपने देश में घूमने के लिए न्योता भेजा। राज कपूर ने चीन जाने के बारे में कई बार विचार किया और फिर मना कर दिया। मिड डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज कपूर के बेटे और एक्टर रणधीर कपूर ने उनसे पूछा की वो वहां क्यों नहीं जाना चाहते। इस पर राज कपूर ने कहा कि उन्होंने काफी वजन बढा़ लिया है और उनका कद छोटा है। राज कपूर बोले वो मुझे ‘आवारा’ और ‘श्री 420’ वाला राज कपूर समझ कर बुला रहे होंगे पर उन्हें क्या पता की मैं अब कैसा दिखता हूं। राज कपूर ने रणधीर से कहा मेरा साइज देखो मैं कितना मोटा हो गया हूं। हालांकि राज कपूर का परिवार चीन जाने के लिए दो दिनों से पैकिंग कर रहा था पर राज कपूर ने अचानक ही मना कर दिया।

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राज कपूर के बारे में अनसुने किस्से (Untold Story of Raj Kapoor)

राज कपूर (Raj Kapoor) का असली नाम रनबीर राज कपूर था राज कपूर का असली नाम रनबीर राज कपूर था। बाद में यह नाम उनके पोते रनबीर कपूर को मिला। दरअसल सभी कपूर भाइयों का मिडल नेम राज हुआ करता था। लेकिन उस दौर में रनबीर राज कपूर राज कपूर के ही नाम से मशहूर हो गए।

बॉलीवुड के राज कपुर 24 की उम्र में डायरेक्टर बन गए थे राज कपूर राज कपूर प्रड्यूसर भी थे, डायरेक्टर भी और ऐक्टर भी लेकिन शुरुआत में वह म्यूजिक डायरेक्टर बनना चाहते थे। 24 साल की उम्र में उन्होंने ‘आग’ डायरेक्ट की और उस दौर के सबसे युवा डायरेक्टर बन गए।

rajkapor and nargis

राज कपूर-नरगिस का यह सीन बना RK फिल्म्स का लोगो राज कपूर ने 1948 में RK फिल्म्स सेटअप किय था। इस स्टूडियो की पहली हिट फिल्म बनी ‘बरसात’। याद है वह सीन जब वह और नरगिस वायलिन के साथ खड़े होते हैं? वही सीन आरके फिल्म्स का लोगो बन गया।

दिलीप साहब की बारात लेकर गए थे राज कपूर दिलीप कुमार साहब की शादी उस वक्त की सबसे भव्य शादियों में से एक थी। राज कपूर से उनके रिश्ते ऐसे थे, कि राज कपूर अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और देव आनंद के साथ बारात में सबसे आगे गए थे।

अधूरी रह गई राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद की फिल्म असल ज़िन्दगी में राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद की जो गहरी दोस्ती थी, उसे परदे पर उतारा न जा सका। फिल्म निर्माता विजय आनंद ने एक फिल्म इन तीनों के साथ शुरू ज़रूर की लेकिन डेट्स की दिक्कतों और अहम के टकराव के कारण यह फिल्म कभी पूरी नहीं हो सकी।

राज कपूर (Raj Kapoor) की रियल लाइफ से इन्स्पायर्ड था बॉबी का एक सीन ‘बॉबी’ के एक सीन में ऋषि कपूर डिम्पल कपाड़िया से उनके घर पर मिलते हैं। फिल्म एक सीन है जब ऋषि कपूर डिंपल से मिलने जाते है तो उनके कपड़ों में बेसन लग जाता है जो कि असल ज़िन्दगी में राज कपूर की मुलाकात उनकी फेवरिट ऐक्ट्रेस नरगिस से इसी तरह हुई थी। जब पहली बार राज साहब और नरगिस मिले थे तो एकदम वैसे ही हुआ था जैसा फिल्म में दिखाया गया है।

दुनियाभर में हैं राज कपूर (Raj Kapoor) के फैन राज कपूर का नाम अफ्रीका, मिडल ईस्ट, चीन, टर्की, दक्षिणपूर्व एशिया और प्राचीन सोवियत यूनियन में बहुत मशहूर है।

नरगिस और राज कपूर की लव स्टोरी पूरे बॉलीवुड में फेमस है लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते है कि नरगिस से ब्रेकअप होने के बाद राज कपूर अपने बाथिंग टब में बैठकर रात-रात भर रोया करते है। एक बार तो उन्होंने खुदको सिगरेट से जलाकर मार डालने की भी कोशिश की थी।

एक क़िस्सा ये भी है कि नरगिस राज से अपनी पहली मुलाक़ात के बारे में ज़िक्र करते हुए कहती थी कि एक मोटा सा नीली आँखों वाला टेड्डी उनसे मिलने आया था। नरगिस राज कपूर से लम्बी थी और वो हील वाली सैंडल नहीं पहनती थी, लेकिन सुनील दत्त से मुलाक़ात के बाद से उन्होंने हील वाली सैंडल पहनना शुरू किया। जिसे देखकर राज कपूर को एहसास हो गया था कि अब इनके ज़िंदगी में कोई ऊँचे कद का शख्स आ गया है।

राज कपूर साहब को व्हिस्की पीने का शौक था, उनकी पसंदीदा व्हिस्की थी जॉनी वॉकर ब्लैक जो वो लंदन से मंगवाते थे. राजकपूर के बेटे रणधीर के मुताबिक वो उसे किसी के साथ साझा नहीं करते थे।

राजकपूर (Raj Kapoor) को जमीन पर सोने की आदत थी। दुनिया का सबसे बड़ा शोमैन कभी बेड पर नहीं सोया,वो हमेशा बेड का बिस्तर खींचकर जमीन पर बिछा लेते थे और उनकी इसी आदत की वजह से लंदन के एक होटल ने उनपर जुर्माना लगा दिया था।

raj kapoor

‘आवारा’ में थीं कपूर खानदान की तीन पीढ़ियां अपने और अपने पिता पृथ्वीराज के अलावा राज कपूर ने अपने दादा दीवान बशेश्वरनाथ से भी इस फिल्म में काम करवाया था। उनके बेटे रणधीर कपूर ने ‘कल, आज और कल’ में एक बार फिर यही कोशिश दोहराई और राज कपूर और पृथ्वीराज कपूर के साथ इस फिल्म में काम किया।

जब राज कपूर (Raj Kapoor) की ‘आवाज़ खो गई’ राज कपूर ने म्यूजिक डायरेक्टर जोड़ी शंकर-जयकिशन के साथ करीब 20 फिल्मों में काम किया। मुकेश और मन्ना डे जैसे मशहूर गायक की हमेशा राज कपूर को आवाज़ देते थे। इनमें से भी मुकेश ने उनके लिए कई गाने गाए। कहा जाता है, जब मुकेश चल बसे, तब राज कपूर ने कहा, ‘मैंने अपनी आवाज़ को खो दिया’।

‘मेरा नाम जोकर’ में दो इंटरवल थे अगर आपने यह फिल्म बचपन में देखी होगी, तो आपको इसकी गहराई समझ नहीं आई होगी। इस मूवी को अद्वितीय इसलिए कहा जाता है कि यह हर दौर में नई ही लगती है। यह भारत की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक है। कहा जाता है कि फिल्म का सब्जेक्ट इतना गहरा है, कि यह पहली हिंदी फिल्म थी जिसमें दो इंटरवल किए गए। और यह फिल्म साढ़े 4 घंटे लंबी है।

मौत से पहले ‘हिना’ के 4 गाने रिकॉर्ड किए राज कपूर ने राज कपूर ऋषि कपूर और पाकिस्तानी अदाकारा ज़ेबा बख़्तियार स्टारर ‘हिना’ को डायरेक्ट करने वाले थे। लेकिन उनकी मौत के बाद बाकी बचे गाने रणधीर कपूर ने रिकॉर्ड किए और फिल्म पूरी की।

‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के लिए ज़ीनत अमान का चुनाव यादगार था। राज कपूर इस फिल्म के लिए ऐक्ट्रेस फाइनलाइज़ कर रहे थे। तभी, ज़ीनत एक गांव की लड़की की तरह कपड़े पहनकर और जले हुए चेहरे का मेकअप कर उनके ऑफिस पहुंच गईं। राज कपूर उनके डेडिकेशन से इचने खुश हुए कि तुरंत उन्हें फाइनल कर दिया।

राज कपूर की वजह से बनी थी ‘आनंद’ राज कपूर की बिगड़ती सेहत और अपने जिगरी दोस्त को खो देने के डर ने ऋषिकेश मुखर्जी को इस कदर ख़ौफ़ज़दा कर दिया कि उन्होंने राज के लिए ‘आनंद’ बनाई। राज कपूर को अक्यूट ऐस्थमा था। दादासाहब फाल्के पुरस्कार पाया और अलविदा कह गए राज कपूर दुनिया को।

बॉलीवुड के कई ऐसे कलाकार हैं जिन्हें विदेशों में सम्मान देने के लिए लोग अजीब रास्ते खोज निकालते हैं। किसी के नाम पर रेस्त्रां हैं तो किसी के नाम पर सड़क। बॉलीवुड के शोमैन कहे जाने वाले एक्टर राज कपूर के नाम पर भी कनाडा में एक सड़क का नाम है। अपने डायरेक्शन और एक्टिंग से राज कपूर ने सिर्फ बॉलीवुड को ही अपना मुरीद नहीं बनाया बल्कि विदेशों में भी अपनी फिल्मों की छाप छोडी़ है। इसलिए कनाडा के शहर ब्रम्पटन की एक सड़क नाम राज कपूर के नाम पर उन्हें सम्मानित करने के लिए रखा गया है। उस सड़क को स्थानिय निवासी कहते हैं ‘राज कपूर रोड’। हालांकि अब राज कपूर हमारे बीच नहीं हैं। 2 जून, 1988 में ही राज कपूर ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं पर उनके बेहतरीन अभिनय और निर्देशन में बनी फिल्मों से वो हमेशा लोगों के दिल में अमर रहेंगे।

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