The Tragedy King: जानिए कैसे बन गए थे दिलीप कुमार बॉलीवुड सिनेमा के द ट्रेजडी किंग?

The Tragedy King: दिलीप कुमार जो रहेंगे हमेशा लाखो दिलों में याद(Dilip Kumar the tragedy king)

दिलीप कुमार (The Tragedy King) जिन्होंने ने अपना फिल्मी जगत में खूब नाम कमाया और हमेशा राज किया. लेकिन 7 july 2021 इस चमकते सितारे का निधन हो गया है। दिलीप कुमार पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे. दिलीप कुमार का जन्म दिसंबर वर्तमान में पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुआ था। दिलीप कुमार का बचपन का नाम ” मोहम्मद युसूफ खान ” था और उनके पिता का नाम लाला ग़ुलाम सरवर था . बचपन में दिलीप के पिता फल बेच कर पूरे घर का गुज़ारा चलाते थे। जिस बच्चे का जीवन गरीबी में गुज़रा था उसको क्या पता था कि आगे चल के वह भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता बनने वाला है।

दिलीप साहब का संघर्ष और स्टारडम तक का सफर (Story of Dilip Kumar from struggle to stardum)

देश के बटवारे के बाद दिलीप कुमार का पूरा परिवार मुंबई में आ के बस गया। शुरुआती दौर में दिलीप कुमार के पूरे परिवार को परेशानी और तंगहाली में मुंबई में जीवन व्यतीत करना पड़ा. दिलीप के पिता का भी व्यापार घाटे में जाने लगा था। इसलिए दिलीप ने काम करने का फैसला लिया और पुणे के एक कैंटीन में काम करने लगे। ऐसे ही एक दिन मशहूर कलाकार देविका रानी की नज़र दिलीप पर पड़ी। कैंटीन में ही ज्यादा दिलीप काम किया करते थे और यही से शुरु हुआ दिलीप कुमार के अभिनेता बनने का सफर. देविका रानी ने दिलीप को बॉम्बे टॉकीज में काम दिया जहाँ पर वो बतौर स्क्रिप्ट एडिटर का काम करते थे। लेकिन उनको बतौर एक्टर पहला ब्रेक थ्रो भी देविका रानी ने ही दिया था। साथ ही दिलीप कुमार ने देविका रानी के ही कहने पर ही अपना नाम युसुफ खान से दिलीप कुमार रखा था। 

Dilip Kumar: The Legacy Indian Cinema Phenomenon The Tragedy King Left Behind
The Tragedy King/Photos are taken from instagram

दिलीप कुमार की फिल्में

दिलीप कुमार ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत सन् 1944 में ‘ज्वार भाटा’ फिल्म से की थी परन्तु यह कुछ खास कमाल नहीं दिखा पायी. लेकिन इसके बाद सन् 1947 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘जुगनू’ उनके करियर की पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म थी। जिसने  दिलीप कुमार को सुपरस्टार की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। उन्होंने अपने जीवन में कई और सुपरहिट फिल्में की है जैसे-

  • ज्वार भाटा
  • जुगनू
  • अंदाज़
  • दीदार
  • देवदास
  • मुगले- ए -अज़ाम
  • राम और श्याम
  • क्रांति
  • विधाता
  • कर्मा
  • इज़्ज़तदार
  • सौदागर
  • दुनिया 
  • किला
  • शक्ति

कैसे मिला ‘द ट्रेजेडी किंग’ का दर्ज़ा (How Dilip Kumar became The Tragedy King?)

सन् 1951 में आई फिल्म ‘दीदार’ जिसमें अशोक कुमार, नरगिस और निम्मी ने साथ काम किया था। दिलीप कुमार ने इस फिल्म में एक बेहद ही अहम किरदार निभाया था। साथ ही इसी साल आयी दूसरी फिल्म ‘देवदास’ ने भारतीय पर्दे पर कमाल कर दी थी। इन दोनों फिल्मों में दिलीप कुमार ने गंभीर किरादर की भूमिका निभाई थी। दरअसल अपनी जीवन में इतने सारे डिप्रेश कैरेक्टर का रोल करने के बाद एक समय ऐसा आया कि वो रियल्टी में भी बहुत डिप्रेशन में चले गए। इसी के बाद इनका नाम पड़ा द ट्रेजेडी किंग ऑफ बॉलीवुड। तब इनके डॉक्टर ने इन्हें हल्के-फुल्के और कॉमेडी फिल्म करने की नसीहत दी। 

dilip kumar and saira bano

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दिलीप कुमार के मोहब्बत के किस्से

यूं तो दिलीप कुमार पर्दे के आगे बेहद ही रोमांटिक अंदाज़ के थे। लेकिन जितना ही वह पर्दे पर रोमांटिक थे उतना ही वह परदे के पीछे भी थे। बावजूद इसके दिलीप कुमार के मोहब्बत के किस्से सब को नहीं पता है कि वह कितने ही रोमांटिक इंसान थे। एक समय था जब दिलीप सिर्फ सायरा बानो से मिलने हर रोज़ रात को मुंबई से चेन्नई जाया करते थे और फिर सुबह वापस आ कर शूटिंग के लिए चले जाया करते थे। दिलीप कुमार ने एक बार सायरा को कार में घूमाने के लिए उनकी माँ और दादी से अनुमति ली थी और इसी समय कार में दिलीप ने सायरा को शादी के लिए प्रपोज भी किया था। सायरा ने इस बात को मज़ाक में ले लिया और सोचा कि शायद वह उन्हें इम्प्रेस करने के लिए ऐसा बोल रहे है। लेकिन दिलीप कुमार ने मज़ाक नहीं किया था और सन् 1966 में दिलीप ने सायरा बानो ने से शादी कर ली और एक खुशहाल जीवन बिताया। शादी के समय दिलीप कुमार की उम्र महेज़ 44 वर्ष थी और सायरा की उम्र 22 वर्ष थी।  

dilip kumar

उनके फिल्मों के प्रसिद्ध गाने

गाने का नाम                           फिल्म का नाम

  • उड़े जब जब ज़ुल्फ़े                   नाया दौर      तेरी
  • धीरे धीरे बोल कोई                    गौरा और काला     सुन ना ले
  • मांग के साथ तुम्हारा                  नाया दौर
  • आज की रात मेरे दिल               राम और श्याम     की सलामी लेले
  • दिल तड़प तड़प के कह              मधुमती    रहा है
  • तेरे हुसन की क्या तारीफ             लीडर        करु
  • रेशमी सलवार कुरता                 नाया दौर     जाली जा
  • नैन लड़ जइहें                           गंगा जमुना
  • सुहाना ये सफर और                 मधुमती      मौशम
  • कितना हसीन है ये                   आज़ाद    मौशम
  • सारे शहर में आप सा               बैराग    कोई नहीं

दिलीप कुमार को कई सम्मानो से नवाज़ा गया

दिलीप कुमार को फिल्मो में बेहतरीन अभिनये करने के लिए कई पुरस्कारो से नवाज़ा गया ह जैसे-

  • सर्वोच्च सम्मान दादा साहब
  • पद्म भूषण
  • पद्म विभूषण
  • पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ निशान- ए- इम्तियाज़

इन सभी सम्मनो के साथ दिलीप कुमार को नवाज़ा गया था और साथ ही साथ वह वर्ष 2000 से वह राज्य सभा के सदस्य भी है।
दिलीप कुमार 98 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए है पर उनके जाने के बाद भी लोगो के मन के अंदर उनकी हर एक याद सिमटी रहेगी. वो हमेशा लोगो के ज़हन में ज़िंदा रहेंगे।

Palak Mujral

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