Story Of Kashmir and Maharishi Kashyap
The Kashmir Files ने बॉक्स ऑफिस पर लगातार दशवें दिन तक अपना जलवा बरकरा रखा है. कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म को लेकर आज हर कोई चर्चा कर रहा है. साथ ही फिल्मों को लेकर सत्ता के गलियारों से लेकर बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी काफी चर्चाएं देखने को मिल रही है. फिल्म को बॉक्स ऑफिस के साथ-साथ पब्लिक का भी जबरदस्त रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है. विवेक रंजन अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है और बहुत ही जल्द ये फिल्म 300 का भी आंकड़ा पार कर लेगी, लेकिन इसी बीच इस फिल्म का एक डायलॉग सबसे ज्यादा चर्चा में है जिसमें अनुपम खेर ये कहते हुए दिखाई दे रहे है कि ‘जहां शिव सरस्वती ऋषि कश्यप हुए,वो कश्मीर हमारा था, जहां पंचतन्त्र लिखा गया, वो कश्मीर हमारा था,तू जानता ही क्या है कश्मीर के बारे में।’
आज ये डायलॉग लोगों के जुबान पर चढ़ा हुआ है. साथ ही इस डायलॉग को लोग काफी ज्यादा पसंद कर रहे हैं, मगर बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि ये सिर्फ डायलॉग नहीं बल्कि असल भारत की छुपाई गयी हकीकत है.
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क्या है ऋषि कश्यप और कश्मीर की कहानी? (Kashmir and maharishi Kashyap)
भारत के प्राचीन और सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार कश्मीर का नाम महृषि कश्यप के नाम पर पड़ा था. कश्मीर को ऋषि कश्यप की तपोभूमि कहा जाता था.

Rishi Kashyap, Kashmir
साथ ही आदि काल में एक जलोद्भव नाम का राक्षस था, जिसने ब्रह्मा जी के वरदान से आतंक मचा दिया था. इसके बाद भगवती ने देवताओं के कहने पर पक्षी रूप धारण करके उस राक्षस का वध किया था. जिस पत्थर से राक्षस को मारा गया था, वो बाद में हरी पर्वत हो गया. साथ ही ऋषि कश्पय ने ही यही पर इस भूमि को बसाया था. जिसको कालांतर में कश्मीर के नाम से जाना गया.

Kashmir and maharishi Kashyap: ऋषि कश्यप को सप्तऋषि में सबसे प्रमुख माना जाता है. साथ ही उन्होंने प्रजापति दक्ष की 13 पुत्रियों से विवाह किया था. जिसके बाद उन्होंने मिलकर सृष्टि को चलाया. इसलिए उन्हें सृष्टि का पालक कहा जाता है. ऋषि कश्यप कश्मीर में काफी समय तक निवेश किया, जिसकी वजह से ये पूरी भूमि उनके नाम से विख्यात हुई.
शिव और पार्वती से भी कश्मीर का नाता
ऋषि कश्यप के अलावा कश्मीर का नाता भगवान शिव और पार्वती से भी है. पौराणिक कहानियों के अनुसार भगवान शिव कैलाश पर निवास करते थे, साथ कश्मीर को उनका क्रीड़ा क्षेत्र कहा जाता था. शिवमहापुराण के अनुसार भगवान शिव और पार्वती दोनों अक्सर कश्मीर आते थे.