Know About Tehzeeb Hafi: जनाब तहज़ीब हाफी उर्दू जगत में उभरते हुए सबसे बेहतरीन युवा शायर है. उन्होंने इतने कम समय में अपने ग़ज़लों के दम जो मकबूलियत हासिल की है, वो शायद ही कोई और शायर हासिल कर पाएगा. तहजीब हाफी की लिखावट के साथ-साथ उनका अंदाज-ए- बयां भी लोगों के दिलों को छू लेने वाली है और यही कारण है कि आज तहजीब हाफी का नाम न सिर्फ पाकिस्तान के आवाम के बीच मशहूर हो रहा है, बल्कि उनकी रूहानी ग़ज़लों का व्यापक प्रभाव हिंदुस्तान के बाशिंदों पर भी हो रहा है.

कौन है तहजीब हाफी? (Who is Tehzeeb Hafi?)
तहजीब हाफी का जन्म 5 दिसंबर 1989 को पाकिस्तान में हुआ था. साथ ही तहजीब हाफी पाकिस्तान के मेहरान विश्वविद्यालय से सॉफ्टवेयर इंजीनिरिंग में ग्रेजुएशन किया है. उसके बाद उन्होंने बहावलपुर विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में एमए की डिग्री प्राप्त की. उसके बाद तहजीब हाफी ने उर्दू में शायरी, नज्मों और ग़जलों को लिखना शुरू किया. साल 2018 में पहली बार तहजीब हाफी दुबई में अंदाज ए बयां और मुशायरा से बतौर शायर अपने करियर की शुरुआत की. जिसके बाद से तहजीब हाफी सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के सरहदों को पार करके भारत और अन्य देशों में मशहूर हो गए.
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तहजीब हाफी की 10 बेहतरीन शायरी (Top 10 Shayari Of Tehzeeb Hafi)
एक और शख़्स छोड़कर चला गया तो क्या हुआ
हमारे साथ कौन सा ये पहली मर्तबा हुआ।
मुझ से मत पूछो के उस शख़्स में क्या अच्छा है
अच्छे अच्छों से मुझे मेरा बुरा अच्छा है

तुम बहुत खुश रहोगी मेरे साथ
वैसे हर एक की अपनी मर्ज़ी है
जो तेरे साथ रहते हुए सोगवार हो
लानत हो ऐसे शख़्स पे और बेशुमार हो
बिछड़कर उसका दिल लग भी गया तो क्या लगेगा
वो थक जाएगा और मेरे गले से आ लगेगा
कैसे उसने ये सब कुछ मुझसे छुपकर बदला
चेहरा बदला रस्ता बदला बाद में घर बदला
मेरे बस में नहीं वरना कुदरत का लिखा हुआ काटता
तेरे हिस्से में आए बुरे दिन कोई दूसरा काटता
तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है मोहब्बत – वोहब्बत बड़ा जानते हो
तो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो
ये मैंने कब कहा कि मेरे हक़ में फ़ैसला करे
अगर वो मुझ से ख़ुश नहीं है तो मुझे जुदा करे
बना चुका हूँ मैं मोहब्बतों के दर्द की दवा
अगर किसी को चाहिए तो मुझसे राब्ता करे
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