Banning Everything Russian: बीते गुरूवार यानी 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला करके इतने दिनों से लगाए जा रहे युद्ध के अटकलों को सही साबित कर दिया. साल 2021 के शुरूआती दौर से ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव की स्थिति शुरू हो गयी थी. जब यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से यूक्रेन को नाटो में शामिल होने के बारे में कहा था. इसके बाद से ही रूस ने अपनी एक सैन्य टुकड़ी यूक्रेन के बॉर्डर के पास सैन्य अभ्यास के लिए तैनात कर दी.
साथ ही दिसंबर तक रूस ने अपनी एक फौज यूक्रेन के बॉर्डर पर खड़ी कर दी. पिछले साल दिसंबर महीने के शुरुआती दौर से ही दोनों देशों के बीच तनाव काफी तेज हो गया और जो इतना बढ़ा की आज युद्ध का रूप ले चुका हैं. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस युद्ध को आज 5 दिन हो गए हैं. दोनों देश की तरफ से एक-दूसरे को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है, लेकिन यूक्रेन की सहायता के लिए यूरोपियन यूनियन और नाटो में शामिल कोई भी देश प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं आ रहे हैं.

बैनिंग एवरीथिंग रस्सियन? (Banning Everything Russian)
जहां पूरी दुनिया में रूस पर प्रतिबंध लगाने की बात हो रही है. ऐसे में एक सवाल आपके जहन में आना बहुत जरुरी है कि आप रूस की किन-किन चीजों को बैन कर सकते हैं? साल 1867 लेव तोलस्तोय (Leo Tolstoy) ने वॉर एंड पीस (War and Peace) नाम की एक बुक लिखी थी, तो क्या हम उसको भी बैन कर सकते हैं? दुनिया में रूस के सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक इसका साहित्य है. रूस के कुछ महान उपन्यासकारों में साहित्य में सबसे बड़े नाम शामिल हैं: निकोलाई गोगोल, लेव तोलस्तोय, फ्योडोर दोस्तोवस्की और एंटोन चेखव आदि. तो क्या इन्हें या इनकी किताबों और विचारों को भी बैन किया जा सकता है?

Banning Everything Russian: इसके अलावा रस्सियन वोडका, रस्सियन कैवियार, रूस के लेक बैकल (Lake Baikal) वो की वर्ल्ड का पुराना फ्रेशवॉटर लेक है उसे भी बैन कर सकते हैं? रूस की वर्ल्ड फेमस डॉल जिसे मत्र्योश्का डॉल (Matryoshka dol) के नाम से जानते हैं, उसे भी बैन कर सकते हैं? साथ ही रस का वर्ल्ड फेमस चिकन फुट सूप यानी Kholodets को भी बैन किया जा सकता है? फैशन की दुनिया में रूस की सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली फैब्रिक को भी बैन किया जा सकता है? अगर नहीं तो भी रूस पर प्रतिबंध लगाने का ये दिखावा क्यों? इतनी हिप्पोक्रेसी क्यों?
रूस के एयरलाइन्स को किया बंद
हालांकि यूरोपियन यूनियन और अन्य देशों के द्वारा रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. कई सारे देश रूस के ऐरोप्लेन और एयरलाइन्स को बैन कर रहे हैं. साथ ही यूरोप के कई सारे देशों में रूस के वोडका को भी बंद करने का काम तेजी से हो रहा है.
यूरोपियन यूनियन ने रूस के कई सारे एयरस्पेस और एयरक्राफ्ट को बैन कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने रूस के प्राइवेट जेट जैसे Russian oligarch और रूस के सबसे बड़े एयरलाइन सेवा Aeroflot को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. यूरोप के कई सारे देशों ने जैसे ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया आदि ने रूस जाने वाली और वहां से आने वाली फ्लाइट्स को बंद कर दिया है.
Banning Everything Russian: हर तरफ से और हर चीजों लगाई जा रही इस बैन को देखते हुए ये सवाल खड़ा होता है कि दुनिया रूस की किन-किन चीजों को छोड़ सकती हैं? दरअसल रूस के ऊपर जो प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं वो असल में एक दिखावा है, क्योंकि रूस की फ्लाइट्स और वहां का वोडका बंद कर देने से ही काम नहीं होगा. अगर उसके ऊपर सही से प्रतिबंध लगाना है तो ये सारे देश वहां के तेल और पेट्रोलियम रिसोर्सेस को लेना क्यों बंद नहीं कर देते? आज भी सबसे ज्यादा गैस और पेट्रोलियम का आयात कई सारे देश रूस से ही करते हैं. जर्मनी खुद रूस से ही पेट्रोलियम और गैस लेता है, क्योंकि अमेरिका से इंपोर्ट करने में उसे ज्यादा कॉस्ट देना पड़ता है. साथ ही इस बात को जर्मनी और इटली दोनों जानते हैं, इसीलिए वो बार-बार स्विफ्ट (Swift) से रूस को बैन करने के खिलाफ है. जिसका जिक्र अमेरिका कई बार करता है.
क्यों नहीं मिल रहा है यूक्रेन को असली मदद (Russia vs Ukraine Reason behind the war)
साथ ही ये भी विचार करने योग्य है कि असल में जो भी देश यूक्रेन के साथ खड़े होने का दांवा करते हैं, वो असलियत में आज के समय उसके साथ खड़े होने से क्यों कतरा रहे हैं? तो इसके पीछे का कारण भी साफ है कि रूस के बाद अमेरिका दूसरा ऐसा देश है, जिसके पास भी पेट्रोलियम और गैस के अच्छे रिसोर्सेस है. मगर उसके पास बाजार की कमी है, जिसकी वजह से वो अन्य देशों को अपने पेट्रोलियम आदि को बेचने में समर्थ नहीं है. ऐसे में अमेरिका ने यूक्रेन को एक बलि के बकरे की तरह इस्तेमाल करके रूस को कमजोर करना चाहता है, ताकि उनकी पहुंच यूक्रेन की वजह से रुसी बॉर्डर तक हो जाए. जिससे वो रूस की गतिविधियों पर नजर रख सकें. उधर दूसरी तरफ रूस इस बात को बखूबी जानता है. इसलिए ही वो बार बार यूक्रेन को नाटो और यूरोपियन यूनियन के देशों से दूर रखने का प्रयास कर रहा है. आपको याद होगा जब भारत और पाकिस्तान में उरी अटैक के बाद तनाव बढ़े थे, तब जब भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार के साथ क्रिकेट मैच खेलने और उनके आर्टिस्टों को भारत से बैन करने का फैसला लिया था, तब उस समय विश्व के कई बड़े देशों ने भारत को नसीहतें दी थी, इसका विरोध भी किया था. लेकिन जब ये वही बर्ताव रूस के साथ कर रहे हैं, तो उसका कोई विरोध नहीं हो रहा? इतना दोहरा मापदंड क्यों?

सेंट्रल बैंक ट्रांजेक्शन पर रोक
इसके अलावा यूरोपियन यूनियन ने रूस को सेंट्रल बैंक से ट्रांजेक्शन करने पर भी रोक लगा दी है. सूत्रों के मुताबिक इस बैंक में रूस के 640 बिलियन डॉलर का रिज़र्व है.
कई देशों ने किया रूस के वोडका को बैन (Banning Russian Vodka)
इतने सारे प्रतिबंधों के बीच कई सारे पश्चिमी देशों ने बार और रेस्टोरेंट्स से रूस के वोडका को भी हटाने का फैसला लिया है. उन्होंने रूस के वोडका स्टोलिचनया (Stolichnaya) और स्मरनॉफ (Smirnoff) को हटाकर उनकी जगह यूक्रेन के वोडका को प्रोमोट किया जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक अब तक 500 लिकर एजेंसी की तरफ से 6400 वोडका बॉटल्स को रेप्लस कर दिया गया है.
पेनसिलवेनिया के गवर्नर टॉम वुल्फ (Tom Wolf) के आदेश पर ‘लिकर कंट्रोल बोर्ड ऑफ पेनसिलवेनिया’ ने रूस के वोडका को बैन करने का फैसला किया है. वर्जिनिया के ABC बार ने रूस के वोडका को बैन कर दिया.

साल 2014 में भी लगा था रूस में प्रतिबंध (History behind Russia and Ukraine war)
रूस पर लगाए जाने वाले ये प्रतिबंध नए नहीं हैं. इससे पहले साल 2014 में जब रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ा था और रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था. तब भी उस पर ऐसे ही कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे, लेकिन इन प्रतिबंधों से उस पर कोई असर नहीं हुआ था. उल्टा चीन और रूस के व्यापारिक संबंधों को मजबूती मिली. साल 2014 या उससे पहले जहां इन दोनों में सिर्फ 45-50 बिलियन डॉलर का ही व्यापार होता था, वहीं बैन लगने के बाद इन दोनों के बीच व्यापारिक लेन-देन 145 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. तो ऐसे में रूस पर बैन लगा देने से कुछ ज्यादा फर्क नहीं आएगा.
फीफा ने रूस के साथ फुटबॉल मैच खेलने से किया इंकार
विश्व की फुटबॉल मैच करने वाली सबसे बड़ी एसोसिएशन फीफा ने भी रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगा दिए हैं. उन्होंने रूस को फीफा वर्ल्ड कप क्वॉलिफी खेलने पर रोक लगा दी है और साथ में ये भी कहा है कि, ‘रूस बिना अपने फ्लैग और राष्ट्रगान के चाहे तो अन्य मैचेस खेल सकता है.’
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