Jaun Elia And His Famous Poetries: सर जौन एलिया उर्दू जगत के बेहतरीन शायर थे. उन का जन्म भले ही हिन्दुस्तान में हुआ था लेकिन विभाजन के बाद वो पाकिस्तान चले गए. बावजूद इसके उनके चाहने वाले दोनों देशों म,में मौजूद है. जौन एलिया उर्दू साहित्य के सबसे बेहतरीन शायर थे, उनके लिए कहा जाता है कि वो शायर बदनाम थे. वो जब भी मंच पर चढ़ते है तो जोर-जोर से अपना सर पीटने लगते और कहते थे कि मैं बर्बाद हो गया, मेरा परिवार तबाह हो गया. जिसका जिक्र खुद जौन एलिया ने अपने शायरी में भी किया है. इस बात का ज़िक्र करते हुए जौन एलिया कहते हैं-
”मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं”
दरअसल जौन एलिया के बारे में कहा जाता है कि वो एक ऐसे शख़्स थे जो खून थूकता था. इनकी फैन फॉलोइंग इतनी जबरदस्त है कि आज भी इनके शायर ट्विटर से लेकर फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ट्रेंडिंग रहता हैं. हर वो शख़्स जो उर्दू जगत या फिर शेरो-शायरी का शौक़ीन है वो सर जौन एलिया से भलीभांति परिचित होगा.

इनका जन्म यूपी के अमरोहा जिले में 14 दिसंबर 1931 को हुआ था. इनके पिता अल्लामा शफीक हसन एलिया भी जाने माने विद्वान और शायर थे. इनके पांच भाइयों में जौन एलिया सबसे छोटे थे और महज 8 साल की उम्र में अपना पहला शेर पढ़ा था.
भारत से बे-इंतिहा मोहब्बत थी लेकिन बंटवारे के कारण ये आज़ादी के 10 साल बाद न चाहते हुए भी करांची चले गए थे. जौन एलिया का अंदाज़-ए बयां इतना बेहतरीन था की वो हर एक बात बहुत ही बेहतरीन लहज़े में कहते हैं. अपने जीवन के हर एक उतार-चढ़ाव उन्होंने बखूबी अपने कलाम में उतार रहा. इसकी की नजर उनका एक बेहतरीन शेर है कि –
”क्या तकल्लुफ करें ये कहने में,
जो भी खुश है हम उस से जलते हैं”
इंशा नाम की पत्रिका के सम्पादन के दौरान इनकी मुलाक़ात जाहिदा हिना से हुई. फिर इश्क़ परवान चढ़ा और दोनों की शादी हो गई. शादी के बाद परिवार में तीन बच्चे भी हुए लेकिन ये रिश्ता ज्यादा दिन तक चला नहीं और दोनों का साल 1984 में तलाक हो गया. इसके बाद जौन एलिया गमज़दा हो गए और शायरी से लेकर असल ज़िंदगी तक में उन्होंने खुदको बर्बाद कर लिया.

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8 नवंबर साल 2002 को जौन एलिया साहब इस दुनिया से रुख़सत हो गए. हालांकि उनकी किताबें और सोशल मीडिया ने एक बार फिर उन्हें दोनों देशों के आवाम के बीच लेकर ज़िंदा खड़ा कर दिया है. जौन एलिया की ‘यानी, गुमान, लेकिन, गोया’ जैसी किताबें छापी और ये हाथों-हाथों लोगों ने ख़रीदा.
अब यहाँ तक आये है तो जाने से पहले सर जौन एलिया के ये कुछ चुनिंदा मशहूर शेर जरूर पढ़कर जाइएगा…… (Jaun Elia And His Famous Poetries)
कौन इस घर की देख-भाल करे
रोज़ इक चीज़ टूट जाती है
कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
मुझ को तो कोई टोकता भी नहीं
यही होता है ख़ानदान में क्या
बोलते क्यूँ नहीं मिरे हक़ में
आबले पड़ गए ज़बान में क्या *आबले= छाले
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या
बे-दिली क्या यूँही दिन गुज़र जाएँगे
सिर्फ़ ज़िंदा रहे हम तो मर जाएँगे
अब मिरी कोई ज़िंदगी ही नहीं
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या
इक हुनर है जो कर गया हूँ मैं
सब के दिल से उतर गया हूँ मैं
आईनों को ज़ंग लगा
अब मैं कैसा लगता हूँ
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